Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -तेरे निशान

तेरे निशान

************* 

तेरे निशान कदमों के, 
दिल पर छाप छोड़ते होंगे। 
तू जब पास नहीं होता होगा,
तो वे उसके बहुत करीब रहते होंगे।
**********************************

क्या तेरे साथ भी,
ऐसा होता है कभी,
खोए कदमों के निशान,
ढूँढ़ते हुए तुम कहीं,
किसी को याद करते हुए 
तुम चले हो दूर दूर तक कभी। 
*******************************

क्या किसी के इतने, 
करीब रहे हो तुम कभी।  
कि उसके कदमों के साथ, 
उसके कदमों के निशानों को,
उसके कदमों की हर आहट को,
आँखेँ मूँद कर भी, 
पहचानते रहे होगे कभी॥
********************************

यदि रहे हो तुम किसी के, 
इतना करीब, 
दिल से लगा कर,
उसकी हर याद को,
उसकी हर निशानी को, 
तो वह बहुत ही खुशनसीब,
तुम्हें दिलोजान से,
बहुत अजीज रहा होगा!
*************************

तुम्हारे बहुत करीब, 
इतना कि,
उसके मन की हर परत को, 
उसके दिल की हर रग को,
तुमने जान लिया होगा।
पहचान लिया होगा,
पसंद भी किया होगा।
 ************************

हो सकता है कि, 
तेरे निशान उसने भी,
सहेज कर दिल में छुपा रखे होंगे। 
निश्चय ही तुम भी उसे,
उसे उतने ही प्यारे रहे होगे कभी।
***********************************
शोभा शर्मा, छतरपुर म.प्र.
#प्रतियोगिता , #दैनिक प्रतियोगिता 
प्लीज लाइक कीजिये और अपनी प्रतिक्रिया भी लिखिए , जैसे ही टेक्नीकल प्रॉब्लम सॉल्व होती है मैं भी बराबर कमेंट्स करना शुरू करूंगी & लाइक करना भी. मेरी ईमेल वेरिकेशन पता नहीं क्यों नहीं हो प् raha 

   20
5 Comments

खूबसूरत भाव और अभिव्यक्ति बेहतरीन

Reply

बहुत ही सुंदर सृजन आपका

Reply

बहुत सुंदर अभिव्यक्ति👌👌👌

Reply